Diabetes ke Lakshan aur Bachaw
डायबिटीज क्या है ?
मधुमेह की बीमारी को डायबिटीज और शुगर भी कहा जाता है. डायबिटीज के पेशेंट को जब शरीर के पैन्क्रियाज में इन्सुलिन की कमी हो जाती है, मतलब कम मात्रा में इन्सुलिन पहुंचता है, तो खून में ग्लूकोज की मात्रा भी ज्यादा होता है. इसी स्थिति को डायबिटीज कहते है. इन्सुलिन की बात करें, तो यह एक तरह का हार्मोन होता है. जो शरीर के भीतर पाचन ग्रंथि से बनता है. इसका काम भोजन को ऊर्जा में बदलना होता है. ऐसे में इस बात का विशेष ध्यान रखना चाहिए कि मधुमेह के मरीज कब और क्या खाते है. इससे ब्लड शुगर का लेवल नियंत्रित रहता है. इसके लिए डॉक्टर दवाएं देते हैं और कई घरेलू नुस्खे भी है.
डायबिटीज होणे का कारण काय है.
प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से अग्न्याशय में इंसुलिन-उत्पादक बीटा कोशिकाओं पर हमला करती है, और उन्हें नष्ट कर देती है. जबकि कुछ लोगों के जीन इस मामले में भूमिका निभाते हैं. जिसके चलते इन्सुलिन का उत्पादन नहीं हो पाता है. इसे अनुवांशिकी और जीवनशैली के कारकों का संयोजन भी कहते है. जैसे मोटापा होने से मधुमेह के इस प्रकार का खतरा होता है.
डायबिटीज के लक्षण
- वजन काम होणा
- अधिक भूक लगना
- अधिक प्यास लगना
- पेशाब अधिक आणा
- दौरा पडणा
- बेहोश होणा
- थकान
- धीरे धीरे घाव भरणा
- दृष्टी कम होणा
- मतली और उल्टी
डायबिटीज शरीर पर असर क्या पडता है.
त्वचा : डायबिटीज की वजह से त्वचा पर चकत्ते पडणे लगते हैं.
आंख : लंबे वक्त तक ब्लड ग्लूकोज का लेवल अधिक रहा, तो इसकी वजह से आंखों के लेंस में अवशोषण हो सकता है. यानी आंखों पर प्रभाव पड़ने लगता है. इससे आंखों के आकार और नजर में बदलाव दिकता है. जय्से कि रेटिना के भीतर स्थित ब्लड वेसल डैमेज हो सकते हैं। इसके कारण ब्लाइंडनेस का जोखिम बढ़ जाता है
नस : खून में ग्लूकोज की मात्रा अधिक हो जाती है. जिससे नसों को भी नुकसान पहुंचता है. पैरों में एक अलग तरह की झनझनाहट होती है और चलने में दिक्कत आने लगती है.
शरीर पर ये गुण दिखते है : उलटी, पेट दर्द, घबराहट, गहरी सांस और बेहोशी जैसी हालत हो जाती है.
मानसिक स्वास्थ : डायबिटीज की वजह से मानसिक स्वास्थ्य पर भी बुरा प्रभाव पड़ता है. जिसकी वजह से मरीज डिप्रेशन और एंग्जाइटी का शिकार हो जाता है. मानसिक संतुलन को बनाए रखने के लिए खून में शुगर का लेवल सही मात्रा में होना जरूरी हो जाता है.
और भी लक्षण : डायबिटीज के मरीज में ही देखने को मिलती है इसके पीछे की वजह पानी की कमी भी होती है. इसलिए डायबिटीज के मरीज को शरीर में पानी की कमी नहीं होने देनी चाहिए. इसी कमी के कारण दूसरी कई बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है.
डायबिटीज के लक्षण पर उपाय क्या है.
आहार: डायबिटीज में केवल खाने से जुड़ी जानकारी का ध्यान रखना होता है, बल्कि इस बात पर भी जोर देना होता है कि खाना कब और कितना खाना है.
शरीर कि गतिविधि पर: बचाव के लिए शारीरिक गतिविधियां करना जरूरी होता है. इससे मधुमेह नियंत्रण में रहता है. इसके साथ ही हृदय रोग और ब्लड शुगर से जुड़ी जटिलताओं को भी रोकने में मदद मिलती है.
दवाएं: डायबिटीज के मरीज के लिए केवल शरीरिक गतिविधि और स्वस्थ खाने का सेवन करना ही काफी नहीं होता है, बल्कि उन्हें दवाओं का सेवन भी करना पडता है. दावाइया डॉक्टर के ट्रिटमेंट ले सकते है.
डायबिटीज के घरेलू उपचार
- मीठा कम खाएं. शक्कर से भरी और रिफाइंड कार्बोहाइड्रेट वाला भोजन करने से बचें.
- एक्टिव रहें, एक्सरसाइज करें, सुबह-शाम टहलने जाएं.
- पानी ज़्यादा पीएं. मीठे शर्बत और सोडा वाले ड्रिंक्स पीने से बचें.आइसक्रीम, कैंडीज़ खाने से भी परहेज करें।
- वजन घटाएं और नियंत्रण में रखें.
- स्मोकिंग और अल्कोहल लेने से परहेज करें.
- हाई फाइबर डायट खाएं,प्रोटीन का सेवन भी अधिक मात्रा में करें.
- विटामिन डी की कमी ना होने दें. क्योंकि, विटामिन डी की कमी से डायबिटीज़ का ख़तरा बढ़ता है