Zucchini ki Kheti me Badaa Munaafa : झुकीनी कि खेती मे बडा मुनाफा पाहिये.
झुकीनी को कद्दू भी कहा ज्याता है. झुकीनी ये प्रकारके होते इसमे ग्रीन और येलो कलर के होते है. झुकीनी कि लागत करणे के लीये सबसे अछ्या मोसम अक्टूबर नवंबर मे किया ज्याता है. झुकीनी कि लागत होणे, से 35 से 40 दिनो मे इसको फल आणा चालू होता है.जब इसका वजन 200 ग्राम से 250 ग्राम होता तब इसको निकालके बॉक्स मे भरके नज्दिकी मार्केट मे भेज्या ज्याता है.
यह शरीर में केरोटीन की मात्रा को पूरा करता है, तथा इसका उपयोग कैंसर की बीमारी में भी लाभकारी है. चप्पन कद्दू में पोटेशियम और विटामिन ए, सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते है. फिल्म स्टार इस सब्जी को खाना खूब पसंद करते है, क्योकि यह वजन को नियंत्रित रखने में बहुत ही लाभकारी है. चप्पन कद्दू की कई किस्मो को उगाया जाता है, जिन्हे अलग-अलग आकार और रंग से जानते है.
झुकीनी आपको की खेती कैसे करें तथा जुगनी की खेती से कमाई और चप्पन कद्दू क्या है, आदि के बारे में जानकारी दीया है.
झुकीनी के लीये सहायक मिट्टी और तापमान
झुकीनी की फसल में उचित जल निकासी वाली बलुई दोमट मिट्टी की जरूरत होती है. इसके अलावा भूमि में कार्बनिक पदार्थो की उचित मात्रा होनी चाहिए. अम्लीय या क्षारीय भूमि में चप्पन कद्दू की खेती बिल्कुल न करे .6.5 से 7.5 के मध्य पी. एच. मान वाली भूमि को इसकी खेती के लिए उपयुक्त माना जाता है. उष्णकटिबंधीय जलवायु में इसकी फसल अच्छी प्राप्त होती है, इसके पौधे सर्दी तो सहन कर लेते है, किन्तु सर्दियों में गिरने वाला पाला हानिकारक होता है. अधिक गर्मी में निकलने वाली धूप भी पौधों के विकास और फलो को प्रभावित करती है. झुकीनी के फलो को सामान्य तापमान की जरूरत होती है. उसके कारण फल अच्छे और सद्रुड निकलते है.
झुकीनी के अलग-अलग प्रकार
आस्ट्रेलियन ग्रीन
इस प्रकार का पौधा झाड़ीनुमा होता है, जिसमे पीले रंग के फूल निकलते है, तथा फल लम्बे आकार और गहरे हरे रंग के होते है. इसके फल बीज रोपाई के 60 से 65 दिन पश्चात् तुड़ाई के लिए तैयार हो जाते है, जिसका प्रति हेक्टेयर उत्पादन 15 टन से 20 टन तक उत्पाद होता है.
पूसा अलंकार
यह एक संकरीत प्रकार है, जिसमे सामान्य ऊंचाई वाले पौधे निकलते है. इस प्रकारके के पौधों पर आने वाले फल चमकीली धारिया लिए हुए हल्के हरे रंग के होते है. यह प्रकार प्रति हेक्टेयर के हिसाब से 20 से 25 टन का उत्पादन दे देती है, तथा फल आकार में भी लम्बे होणे के कारण मार्केट मे इसका रेट ज्यादा होता है.
अर्ली यलो प्रोलीफिक
झुकीनी का प्रकार को पककर तैयार होने में बहुत ही कम समय लगता है. इसमें निकलने वाले फलो का गुदा अधिक समय तक मुलायम रहता है, जिस वजह से इसे अधिक समय तक भंडारित कर सकते है. इसमें निकलने वाले फल आकार में गोल और हल्के लंबे होते है.
पंजाब चप्पन कद्दू
झुकीनी के इस पौधे बुवाई के 55 से 60 दिन पश्चात् फल निकालने को आता है. इसके पौधों पर अधिक पत्तिया निकलती है, तथा फूल गहरे पिले रंग के होते है. यह प्रति हेक्टेयर के खेत में 10 टन का उत्पादन देने वाला पौदा है.
मेक्सिको चप्पन कद्दू
यह झुकीनी की एक विदेशी प्रकार है, जिसे तैयार होने में 35 से 40 दिन का समय लग जाता है. इसमें निकलने वाले फल पीले रंग के लंबे व् गोल होते है.मध्य प्रदेश राज्य में इस क़िस्म को अधिक उगाया जाता है.क्युंकी इस प्रकारके पौदे ठंड मे इसकी लागत अच्छी होती है.
झुकीनी के खेत की बुहाई कय्से करे
खेत की सफाई कर गहरी जुताई कर दी जाती है, इससे खेत में मौजूद पुरानी फसल के अवशेष पूरी तरह से नष्ट हो जाते है. जुताई के बाद खेत में गोबर खाद का ज्यादा इस्तेमाल करे,. इसके कारण फलो कि अच्छी पयदावार होती है.इसको डालने बाद बेड करके उसपर मल्चिंग पेपर का इस्तेमाल जरूर करे.लागत बीज प्रती हेक्टर 5 से 7 KG तक लगता है. बीज लगाणे के बाद जब बीज अंकुरित हो चुके हो तो पौधों को 10 दिन के अंतराल में पानी दे. झुकीनी की फसल को तैयार होने तक 8 से 10 सिंचाई करनी पड़ती है. इसके बाद जुगनी के फसल की पहली गुड़ाई बुवाई के 20 से 25 दिन बाद की जाती है, तथा बाद की गुड़ाई 15 दिन के अंतराल में करे. इसकी फसल में अधिकतम 3 से 4 गुड़ाई कर खरपतवार नियंत्रण कर सकते है .
झुकीनी की खेती से कमाई
झुकीनी के पौधे बीज बुवाई के तक़रीबन 35 से 45 दिन पश्चात् उत्पादन देना आरम्भ कर देते है. इसके फलो की तुड़ाई कच्चे के रूप में ही आरम्भ कर दी जाती है. जब पौधों पर लगे फलो का रंग आकृषक और आकार ज्यो 200 ग्राम से 250 ग्राम तक होता है. अच्छा दिखाई देने लगे तब उनकी तुड़ाई कर लेनी चाहिए . तुड़ाई के बाद फलो को बाजार में बेचने के लिए एकत्रित कर लेते है. एक हेक्टेयर के खेत में उन्नत किस्मों का औसतन उत्पादन 15 टन तक होता है. बाजार में एक किलो जुकीनी का भाव 40 रूपए से लेकर 200 रूपए प्रती किलो तक ज्याता है.